स्वास्थ्य

उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप घरेलू उपाय

High Blood Pressure and Low Blood Pressure Remedies Hindi

सामान्य रक्तचाप जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. दबाव के बिना जो हमारे रक्त को संचार प्रणाली के चारों ओर प्रवाह करने के लिए मजबूर करता है, कोई ऑक्सीजन या पोषक तत्व हमारी धमनियों के माध्यम से ऊतकों और अंगों तक नहीं पहुंचाया जाएगा.

हालांकि, रक्तचाप खतरनाक रूप से अधिक हो सकता है, और यह बहुत कम भी हो सकता है. इस लेख में, हम चर्चा करेंगे कि उच्च रक्तचाप और निम्न रक्तचाप क्या है, , इस के कुछ घरेलू उपाय और हमारे स्वास्थ्य के लिए माप का क्या अर्थ है.

उच्च रक्तचाप ( High Blood Pressure, Hypertension)

उच्च रक्तचाप याने की High Blood Pressure ये हृदय, गुर्दे और रक्त संचालन प्रणाली की गड़बड़ी के कारण होता है, यह रोग कभी भी किसी को भी हो सकता है, यह रोग चुपके चुपके शरीर में आता है और कई तरह की बीमारियों को भी साथ लेकर आता है.
उच्च रक्तचाप एक गंभीर स्थिति है यदि नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो इसके परिणामस्वरूप दिल का दौरा, स्ट्रोक और गुर्दे की विफलता का खतरा बढ़ सकता है,

कई वर्षों तक तो इस रोग का पता ही नहीं चलता लेकिन जब पूर्ण रूप से इसका प्रकोप होता है, तब पता चलता है. जो लोग क्रोध, भय, दुख या अन्य भावनाओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं उन्हें यह रोग अधिक होता है.

जो लोग परिश्रम कम करते हैं तथा अधिक तनाव में रहते हैं, शराब या धूम्रपान अधिक करते हैं ये रोग उन्हें भी होता है. इसमें सिर में दर्द होता है और चक्कर आने लगते हैं. दिल की धड़कन तेज हो जाती है. आलस्य होना, जी घबराना, काम में मन न लगना, पाचन क्षमता कम होना, और आँखों के सामने अंधेरा आना, नींद न आना आदि एसके लक्षण होते हैं.

उच्च रक्तचाप रोग के कुछ घरेलू उपाय 

1.उच्च रक्तचाप सामान्य करने के लिए कच्चे लहसुन की एक-दो कली पीसकर प्रातः काल चाटे.
2.नींबू में शहद का रस मिलाके सुबह-शाम चाटने से उच्च रक्तचाप कम हो जाता है.
3.नियमित पपीता खाने और ताजे मीठे सेब खाने से रक्त चाप नीचे आता है और दिन में और कुछ न लें.
4.रोज रात को गरम पानी में त्रिफला चूर्ण लेने से भी यह बीमारी दूर होती है.
5. आँवले का रस तथा आँवले का मुरब्बा उच्च रक्तचाप में बहोत लाभकारी है.
6.मूली का नियमित सेवन करें यह पेट के सारा रोगो में बहोत ख़म आता है.
7.नीम की पत्ती या उनका रस निकालकर पीने से भी रक्तचाप कम होता है.
8.सौंफ, जीरा और मिश्री का बराबर में चूर्ण बनायें और सुबह-शाम सादे पानी से लें इसे भी आराम मिलता है.
9.गरम पानी में नींबू निचोड़ कर और उसमें शहद मिलाकर रोज १५ दिन तक ले ये आपके उच्च रक्तचाप सामान्य केर देगा.
10.प्रातःकाल देशी गाय का गोमूत्र पीने से उच्च रक्तचाप कम होता है.

निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure, Hypotension)

निम्न रक्त चाप  याने की Low Blood Pressure. यह व्यक्ति के भोजन न करने से अथवा जिस व्यक्ति की आयु अधिक होती है उसे निम्न रक्तचाप होता है. मतलब कि बुढापे में सामान्य रूप से यह बीमारी होती है. पाचन तन्त्र ठीक न होने से या अधिक सहवास से भी यह बीमारी होती है.

मानसिक रूप से असफलता, निराशा और हताशा से भी निम्न रक्तचाप हो सकता है. इसमें व्यक्ति के चक्कर आना, थकान होना, नाड़ी धीरे चलना, मानसिक तनाव, हाथ पैर ठंडे पडना इसके लक्षण हैं.

निम्न रक्तचाप के घरेलू उपचार 

1.लहसुन की एक या दो कली रोज दातों से कुचल कर खायें तथा कच्चे लहसुन का प्रयोग अधिकांश करें ये क्त प्रवाह को ठीक करता है.
2.पौष्टिकता वाली चीजें खाने में अधिक खायें जैसे की पत्तेदार सब्जियों तथा हरी सब्जियों,अंकुरित अनाज,दही, छाछ इत्यादि , गर्म मिर्च मसाले व तेल का खाना कम खायें.
3. कच्ची लौकी को पीसकर उसका रस बनाकर पियें या उसे गर्म करके सूप बनाकर पियें.
4.पीपल के पत्तों का रस शहद में मिलाकर चाटें.
5.मैथी के ना लेकर उसका काढ़ा बनायें और उसमे शहद मिलाकर चाय की तरह पीयें.
6.अनार दाने का रस, मिश्री डालकर लाभ पहुँचाता है.
7.चुकन्दर का रस नमक डालकर पीने से भी लाभ होता है.
8.पेठे का सेवन नियमित करें.
9. रोजाना प्याज का सेवन से रक्तचापकी समस्या नहीं होती.
10.क्रीम निकला हुआ छाछ नियमित भोजन के साथ लें.
11.द्ध हींग का प्रयोग.
12.अश्वगन्धा व बहेडा के चूर्ण को गुड़ में मिलाकर चाटे. निम्न रक्तचाप में आराम मिलेगा.

उच्च रक्तचाप व निम्न रक्तचाप में अंतर

उच्च रक्तचाप ( High Blood Pressure, Hypertension)निम्न रक्त चाप (Low Blood Pressure, Hypotension)
वयक्ति का रक्तचाप जब अधिक बाढ़ जाता है उस इस्थिति को उच्च रक्तचाप कहते है.
वयक्ति का रक्तचाप जब अधिक कम हो जाता उस इस्थिति को निम्न रक्तचाप कहते है.
रक्त का प्रभाव ज्यादा शरीर में ज्यादा होता हैरक्त का प्रभाव शरीर में कम होता है
यदि दबाव 180/120 से ऊपर है तो उसे उच्च रक्तचाप कहते है।यदि दबाव ९० /६० से नीचै है तो उसे निम्न रक्तचाप कहते है.
दिल की धड़कन तेज हो जाती है. आलस्य होना, जी घबराना, काम में मन न लगना, पाचन क्षमता कम होना, और आँखों के सामने अंधेरा आना, नींद न आना आदि एसके लक्षण होते हैं.
इसमें व्यक्ति के चक्कर आना, थकान होना, नाड़ी धीरे चलना, मानसिक तनाव, हाथ पैर ठंडे पडना इसके लक्षण हैं.
हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर.लकवा, मानसकि रोग आदि जैसी गंभी.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button