अभ्यास

जल संरक्षण पर निंबध – Jal Sanrakshan par Nibandh in Hindi

Water conservation in Hindi

  1. जल संरक्षण इस वाक्य से हि हमें पता चलता है, कि जल संरक्षण अर्थात जल का संरक्षण ( जल को एकत्र करना ). वर्तमान में और भविष्य में जल कि कमी को पुरा करने के लिए जल संरक्षण हि एकमात्र उपाय है. दुनियाभर में जल कि भारी कमी है. पीने लायक पानी दुनिया में सिर्फ 3%हि है. जिंदगी में सबसे जरूरी पानी हि है. अगर दुनिया में इसकी हि कमी रही तो पानी के बिना जीवन कि संभावना कर पाना हि वयर्थ है.

“जल हि जीवन है’ जल है तो कल है” ! जीवनयापन के लिए हर पल कि जरूरत है पानी. जल कि कमी कि समस्या को खत्म करने का तरीका जल संरक्षण है. कई बार लोगो को पीने के पानी कि कमी को पूरा करने के लिए काफी लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है. रोजमर्रा कि जिंदगी में पानी कि जरूरत को सबसे पहले माना गया. हमें जल संरक्षण को बढ़ावा देना चाहिए और जल को बर्बाद करने वाले और प्रदुषित करने वालो को रोकना चाहिए. जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें हमेशा जल संरक्षण के लिए जागरूक होना चाहिए. यदि आज हम सब मिल कर जल बचाएंगे तो भविष्य में हमारी आने वाली पिढ़ी के लिए वरदान होगा और भविष्य में कभी सुखा पड़ना और अकाल पड़ने जैसी समस्या का सामना नही करना पड़ेगा. यदि कई सुखा पड़ता है तो उस क्षेत्र के जंगली जानवर भी पानी कि तलाश में सड़को पर उतर जाते है जिससे शहर में डर का माहोल भी बना रहता है और कई जानवर भुखे-प्यासे मर जाते है जिससे हमारे पर्यावरण को नुकसान होता है.

Jal ka paryayvachi shabd – जल – पानी, वारि, नीर, सलिल, तोय, उदक, अंबु, जीवन, पय, अमृत, मेघपुष्प।

जल संरक्षण पर निंबध

जल को बचाने के तरीके How to save Water In Hindi

1) हमें जल को बचाने के लिए पेड़- पोधो में तभी पानी देना चाहिए जब उन्हे जरूरत हो.

2) हमें स्नान करते समय पानी बाल्टी में भर कर लेना चाहिए ना कि चालु नल या पाइन से नहाना चाहिए.

3) प्रतिदिन पानी बचाने के लिए हमें शोंच के समय पानी कों जरूरत के हिसाब से उपयोग मे लेना चाहिए ना कि बेफिजुल पानी को व्यर्थ जाने दे.

4) हमें सब्जियों और फलो को पानी से भरे बर्तन में धोना चाहिए ना कि चालु नल से, हमें गाड़ी को भी बाल्टी में पानी भर कर धोना चाहिए ना कि चालु पाइप से.

5) हमें बरसात का पानी एकत्र करके रखना चाहिए जो हमारे लिए उपयोगी है. इस पानी को हम पीने के लिए भी उपयोग मे ले सकते है तथा बाकी के घरेलु और कई दुसरे कामो में भी इस पानी का उपयोग किया जाता हैं.

6) बरसात आने के पहले हमें पानी एकत्र करने के लिए सीमेंट कि छोटे बडे टैंक बनाने चाहिए ताकी हम बाद में उस जल का उपयोग कर सके

7) हमें जल को एकत्र करने के लिए कई जगहो पर तालाब या किसी नहर का निर्माण करना चाहिएँ ताकि वो जल हमारे खेती बाड़ी के लिए कृर्षि कार्यो में काम आ सके.

8) कई बार हमारे नल से या किसी पाइपलाइन से पानी टपकता है तो उसे जल्द से जल्द ठिक करवाए क्योकि बूंद-बूंद से हम कई लिटर जल को व्यर्थ कर देते है.

9) हमें वृक्षारोपण भी वर्षा ऋतु में करने चाहिए ताकी पौधे को पानी भी प्राकृतिक रूप से मिल सके.

10) यदि हम किसी जगह घुमने वगैरह जाते है तो हम किसी होटल वगैरह में रूकते है तो वहा पर भी पानी का ध्यान रखना चाहिए वहा पर भी अपनी जगह न होने के कारण लापरवाही न बर्ते जैसे – होटल में तो खुब पानी होगा तो हम 1-2 घंटे तक नहाते हि रहे, नल और फव्वारे को चालु हि ना छोड़े जरूरत जितना हि पानी उपयोग मे लाये.

11) कई बार हम पीने के लिए पानी कि बोतल खरीदते है और थोड़ा पानी पीकर हम आधी से ज्यादा भरी बोतल को ऐसे हि सड़क के किनारे फैंक देते है हमें ऐसा नही करना चाहिए सर्वप्रथम हमें बोतल का पानी जुठा नही करना चाहिए ताकी कोई जरूरतमंद उस पानी को पी सके.

12) कई बार महिलाएं अपने घर का आँगन और चौक धोने के लिए चालु पाइपलाइन का इस्तेमाल करती है और कपड़े धोने के लिए भी चालु पानी का इस्तेमाल करती है जिससे कई गुणा पानी व्यर्थ होता है हमें यह सब कार्य के लिए बाल्टी में भर कर पानी का इस्तेमाल करना चाहिए.

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पानी कि कमी से हो रहे नुकसान

1) आज भी कई गावों में लड़कियाँ स्कुल ना जा कर दूसरे गांवों में पानी भरने के लिए जाती है जो कई किलोमिटर दूर होते है उन्हे पुरा पूरा दिन घर के लिए पानी भरने में लग जाता है इसलिए कई लड़किया पानी भरने के लिए विद्यालय नही जा पाती है.

2) कई गावों में 3 -4 दिन तक नल नही आता है जिससे वहा पर पानी कि बहुत ज्यादा कमी होती है इससे लोग लोग रोज स्नान नही कर पाते है शोचालय नहीं बना पाते है और यदि शोचालय बना होता है तो भी वे पानी कि कमी के कारण उसका इस्तेमाल नही कर पाते है और शोंच के लिए बाहर जंगल या खेतो में जाते है जिससे हमारा पर्यावरण खराब हो जाता है.

3) कई छोटे छोटे शहरो या पिंछड़ें गावो में पानी कि कमी के कारण वहा पर स्वच्छ पानी नही आता है दुषित पानी आने पर भी वहा के लोग पानी कि कमी के कारण उसे दूषित पानी को हि पीते है जिससे कई बिमारीयाँ फैलती है. जैसे-हैजा, उल्टीयां, चर्मरोग टाइफाइड़ आदि.

4) पानी कि कमी के कारण किसानो को सबसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है. कई बार फसले खराब हो जाती है तो किसान कि साल भर कि मेहनत बर्बाद हो जाती हैं. पानी कि कमी के कारण किसान बिज नही बो पाता है जिससे सब्जियाँ और अनाज मंहगें हो जाते है.

5) शहर में पानी कि कमी के कारण कई जगहो पर जैसे – पर्यटक स्थलो पर धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों का आना कम हो जाता है जिससे कई शहरों और लोगो को आर्थिक नुकसान भी होता है.

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