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गुड़हल का फूल और औषधीय फायदे – Gudhal ke Phool ke Fayde

Hibiscus Flower (Gudhal) Benefits in Hindi गुड़हल का फूल फायदे

गुड़हल का फूल जानकारी हिंदी – गुड़हल का फूल अपनी सुंदर दिखने वाली बड़ी पंखुड़ियों के कारण बहोत आकर्षित दिखता है. हमे गुड़हल की 100 से अधिक प्रजातियां ज्ञात हैं और बहोत सी प्रजाति अभी भी अज्ञात है. हम सिर्फ लाल गुड़हल और सफेद गुड़हल ही जानते हैं. हालांकि सफेद गुड़हल बहोत दुर्लभ है, यह अत्याधिक औषधीयो में ही उपयोग किया जाता है.

औषधियों में गुड़हल के कलियों, फूलों और छाल का भी प्रयोग किया जाता है. गुड़हल की जड़ बाजार में पिंपलवाल, अलठी नाम से औषधि में प्रयोग के लिए उपलब्ध है. गुड़हल या जवाकुसुम वृक्षों के मालवेसी परिवार से सबंध वाला एक फूलों वाला पौधा है. Gudhal in english is Hibiscus.

gadhal white flower ke Fayde
गुड़हल का सफ़ेद फूल

गुड़हल का फूल जानकारी – Gudhal ka Phool in Hindi

गुड़हल का वैज्ञानिक नाम हिबिस्कस (Hibiscus) है.  गुड़हल को जास्वंद भी बोलते है. गुड़हल के फूल का अंग्रेजी नाम हिबिस्कस है(English name of Jaswand flower is Hibiscus). गुड़हल से बनने वाली चाय दुनिया भर में मशहूर है, इसमें विटामिन सी होता है और इसे गुड़हल के सूखे पत्तों से बनाया जाता है. गुड़हल का उपयोग अफ्रीका में कैंसर और आंतों के रोगों के इलाज के लिए किया जाता है और ईरान में भी इसका उपगोय उच्च रक्तचाप के लिए किया जाता है. इसके साथ साथ गुड़हल के फूलों का प्रयोग और कई औषधियों में भी किया जाता है.

प्रत्येक 100 ग्राम गुड़हल चाय में पोषण मूल्य

कैलोरी – 37
कुल वसा – 0.7 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल – 0 मिलीग्राम
प्रोटीन – 0.4 ग्राम
सोडियम – 3 मिलीग्राम
कार्बोहाइड्रेट – 7 ग्राम
पोटेशियम – 9 मिलीग्राम
चीनी – 6 ग्राम

गुड़हल के फूल के फायदे – Gudhal ke phool ke fayde in Hindi

गुड़हल के औषधीय गुण बहुत सरे है और लोगों को इसके वारे कुछ पता नही है. हम सब को ऐसे ही लगता है की वो सिर्फ सजावट और भगवान गणपति को अर्पण करने काम आता है. पर वैसे बात नही है. चलिए गुड़हल के औषधीय उपयोग देखते है. (गुड़हल का उपयोग)

  • पेट फूलना – 100 से 125 मिलीलीटर गुड़हल के पत्तों का रस बनाये और ले पेट की गैस में तुरंत आराम मिलता है.
  • पित्त के लिए – सफेद गुड़हल के पत्तों का रस चीनी के साथ मिलाकर ले.
  • शरीर पर अगर पित्त की गाठ आने पर कलियों को निकालकर शरीर पर लगाये, ऐसा दिन में दो से तीन बार लगाये.
  • बालो का टूटना – कई लोग बालो को टूटने से परेशान रहते हैं. बालो का टूटना रोकने के लिए रोजाना सफ़ेद गुड़हल की कुछ कालिया ले और 14 दिन तक अपने सर पर लगाये, बालो का टूटना मुख्य कारण लापरवाही भी हो सकती है.
  • गर्भवती होने के लिए – सफेद गुड़हल की जड़ को गाय के दूध में भिगोये और महालुंगा के बीजों को इसमें विभाजित करके मौसम के दौरान दूध के साथ पिये.
  • गर्भपात – सफेद गुड़हल की 5 कलियाँ गाय के गोबर में भूनकर दूसरे महीने से लेकर 2 महीने तक रोजाना सुबह-शाम खाये.
  • प्रदर रोग (यह रोग स्त्रीयो को होता है) – शुद्ध गुड़हल की 4/5 कलियाँ गाय के घी में भूनकर खड़ी शकर के साथ खाएं, गाय का दूध दिन में दो बार 7 दिन तक पियें.
  • बवासीर – 125 मिली गुड़हल की जड़, गाय का दूध और उसमे एक से डेढ़ चम्मच गर्म मसाला को उबालकर 7 दिन तक दिन में दो बार सेवन करें, आहार – तैलीय, खट्टा, मसालेदार और गर्म भोजन ना करे.
  • धातु विकार – सफेद गुड़हल की 4/5 कलियां गाय के घी में भूनकर, दानेदार चीनी के साथ खाएं और गाय का दूध लें.
  • बवासीर – सफेद गुड़हल की जड़ों को दूध में भिगोकर पेस्ट में चीनी का पाउडर मिलाएं.
  • आँख,नाक व कान में सूजन – सफेद गुड़हल की जड़ और गोमेती की जड़ को गाय के गोबर में उबालना चाहिए लगाये आराम मिलता है.
  • अतिसार – गुड़हल के फूल को बारीक पीस लें और उसमें नागकेशर और दानेदार चीनी डालकर लगाये.
  • बालों को रंगने के लिए – 30 से 40 फूलों में 2 चम्मच मेंडिपोड़ा मिलाकर आधा किलो नारियल के तेल में उबाल लें, इसे छानकर बालों पर लगाएं.
Gudhal ke Phool ke Fayde hindi
गुड़हल के फूल की चाय
  • सिर को ठंडा करने के लिए तेल – सफेद गुड़हल के फूल, 1 लीटर अंगरस और 1 लीटर नारियल का तेल एक साथ उबालें और को तेल तैयार करें और उसमे वाला, जटामासी और नागरमोथा का पाउडर डालें फिर तेल को छानकर सिर पर लगाएं.
  • गंजापन या बालों को बढ़ना- सफेद गुड़हल के पत्ते, फूल निकालकर सिर पर लगाये.
  • गुड़हल के फूलों से बने रंगो का इस्तेमाल खाने में किया जाता है.

गुड़हल के बारे में अनसुनी बाते – Gudhal flower in hindi

  • प्रजातियों के आधार पर गुड़हल सदाबहार झाड़ी है ये छोटे पेड़ के रूप में विकसित होते है और इनकी उचाई 15 फिट तक होती है.
  • गुड़हल के फूलो में बहोत कम गंध होती है और फूल में पाँच या अधिक पंखुड़ियाँ होती हैं जो सफेद, पीले, नारंगी, बैंगनी, गुलाबी, लाल या नीले रंग की हो सकती हैं.
  • मधुमक्खियां, तितलियां और हमिंगबर्ड गुड़हल के फूलों के मुख्य भोजन हैं
  • गुड़हल को चीन में “जूता फूल के नाम से भी जाना जाता है, इसका कारण यह है की यहां के लोग इसके फूल से जूता साफ करते है.
  • पूरी दुनिया में गुड़हल का सबसे ज्यादा उपजोग चाय में होता है. ये चाय में बहोत अच्छा स्वाद देता है.
  • गुड़हल की कुछ पप्रजातियों का उपयोग दवाई के लिए भी किया जाता है.
  • गुड़हल के पत्तों और फूलों से बने पेस्ट का शैम्पू के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • गुड़हल का उपयोग कागज उद्योग में भी किया जाता है.

गुड़हल के पूछे जाने वाले प्रश्न

गुड़हल का वैज्ञानिक नाम – Gudhal ka vaigyanik naam
गुड़हल का वैज्ञानिक नाम हिबिस्कस (Hibiscus) है.  गुड़हल को जास्वंद भी बोलते है.

गुड़हल फुल English में क्या कहते है?
गुड़हल के फूल का अंग्रेजी नाम हिबिस्कस(Hibiscus) है.

गुड़हल की चाय कैसे बनाये
गुड़हल की बना बहुत सीधा है, जैसे आप रोज दोष की चाय बनाते हो वैसे हे बिना दूध के पानी और सिर्फ गुड़हल की सुखी पत्तियों से गुड़हल की चाय बनती है.

क्या गुड़हल फुल में सुगंद होती है?
जी है गुड़हल के फुल बहोत कम सुगंद होती है.

क्या गुड़हल के फुल दवाई में उपयोग होता है?
जी हा गुड़हल के फुल का दवाई में उपयोग होता, फूल के साथ साथ गुड़हल की काली, उसकी जड़ और पुरे पेड़ का उपयोग होता है.

गुड़हल क्या है ?
गुड़हल एक पेड़ की प्रजी का नाम है, जिसपे बहोत से रंग के फूल खिलते है. इस पेड़ का उपयोग बहोत से रोगो में होता है तथा घर पे सजावट के किये लगाया जाता है.

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